दावा-66 हजार लोगों का धर्मांतरण हुआ, मसीही समाज बोला- चर्च तोड़ेंगे तो न्यायालय की शरण लेंगे
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासी समाज चर्च तोडक़र हनुमान मंदिर या देवी-देवताओं की स्थापना करेगा। दावा है कि, 66 हजार लोगों का धर्म परिवर्तन हुआ है। सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष राजा राम तोड़ेम ने कहा कि, अब बस्तर में बने चर्च को तोड़ा जाएगा। इस कार्रवाई के लिए एक चर्च चिन्हित भी किया गया है।
विश्व हिंदू परिषद और सर्व आदिवासी समाज के सदस्यों ने जगदलपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया से बातचीत की। राजाराम तोड़ेम ने बस्तर में धर्मांतरित हुए लोगों को चेताया है कि, वे मूल धर्म में लौट आएं। लोगों को बरगलाकर उनका मूल धर्म छुड़वाया गया। उन्हें ईसाई बनाया गया।
उन्होंने कहा कि, हमने धर्मांतरित कुछ लोगों से बातचीत की। जिनका कहना है कि उनकी बीमारी ठीक करने का दावा कर बस्तर में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुआ है। वहीं, मसीह समाज के सदस्य नरेंद्र भवानी ने कहा कि, ये आरोप लगा है। चर्च तोड़ेंगे, तो न्यायालय की शरण लेंगे।
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66 हजार लोगों के धर्म बदलने का दावा
राजा राम ने कहा कि, हमारे पास एक गोपनीय रिपोर्ट है। जिसके आधार पर बस्तर में पिछले कुछ सालों में 66 हजार लोगों का धर्म बदला गया है। पैसों के माध्यम से, बीमारी ठीक करने का हवाला देकर आदिवासियों का धर्म बदला गया। आजादी से पहले और बाद में इनकी संख्या ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि, हम कुछ ही दिनों के अंदर अब ग्राम सभा करेंगे। जिसमें चर्च को तोडऩे का फैसला लिया जाएगा।
ईसाई मिशनरियों को नहीं देंगे घुसने
बस्तर पांचवीं अनुसूची वाला क्षेत्र है। यहां ईसाई मिशनरियों को घुसने नहीं देंगे। शासन-प्रशासन पर दबाव बनाकर कुछ दिन पहले अपने धर्म गुरु डॉ पॉल दिनाकरण का धार्मिक कार्यक्रम करवाने वाले थे। हम इसका विरोध करते हैं। बस्तर में धर्मांतरण न हो इसलिए सर्व आदिवासी समाज और विश्व हिंदू परिषद हमेशा रहेगा।
जबरदस्ती धर्मांतरण का आरोप गलत- मसीह समाज
इस पर छत्तीसगढ़ युवा मंच के प्रदेश अध्यक्ष और मसीह समाज के सदस्य नरेंद्र भवानी ने कहा कि, ईसाइयों पर जबरदस्ती धर्मांतरण करवाने का आरोप लगाया गया है, जो गलत है। भाजपा की सरकार है, जबरदस्ती किसी का धर्म बदला गया है, तो इस मामले की जांच करवाएं। छत्तीसगढ़ में मध्यप्रदेश के समय से धर्मांतरण कानून लागू है। जिसका नियमानुसार लोग पालन कर रहे हैं या नहीं ये वे लोग ही जाने। किसी ने अपना धर्म नहीं छोड़ा है। लेकिन ये बात सत्य है कि लोग विश्वास कर चर्च जरूर जा रहे हैं। चर्च जाने वाला व्यक्ति मजार भी जा रहा है और अन्य धर्म के कार्यक्रम में भी शामिल हो रहा है।
अल्पसंख्यकों को डराया, धमकाया जा रहा
चर्च तोडऩे की बात की गई है। यह गैर कानूनी भाषा है। गैर संवैधानिक भाषा है। ग्राम सभा कर चर्च तोड़ेने की बाद गलत है। ग्राम सभा का अर्थ यह होता है कि जल जंगल जमीन के विकास के लिए ग्राम सभा में निर्णय लिया जाता है। किसी के ऊपर अत्याचार करने का, कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है। भाजपा की सरकार में कानून-संविधान को साइड में रखकर अल्पसंख्यक लोगों को डराया धमकाया जा रहा है।
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